लीन मसल्स बनाने मे लोग प्री वर्कआउट में कार्बोहाइड्रेट के साथ अच्छी मात्रा में प्रोटीन सप्लीमेंट लेते है। मगर गेनिंग करने वाले या मेनटेन करने वाले ये सामान्य तौर पर कसरत वालो प्री वर्कऑउट में ज्यादा कार्ब और थोड़ा सा प्रोटीन ले लेना चाहिए सप्लीमेंट नहीं लेंगे तो भी चलेगा।
कसरत के तुंरत बाद
फूड सप्लीमेंट बॉडी बिल्डिंग का अहम हिस्सा बन चुके है। प्रोटीन सप्लीमेंट बॉडी बिल्डिंग को आसान बना देते है। हर शख्स के लिए अपनी जरूरत भर का प्रोटीन नेचुरल फ़ूड से जुटा पाना आसान नहीं होता। इसके आलावा मिडिल और एडवांस लेवल पर बॉडीबिल्डिंग कर रहे लोगों को आगे बढ़ने के लिए फ़ूड सप्लीमेंट की जरूरत पड़ जाती है। पर एक सवाल अक्सर सामने आता है। कि फूड सप्लीमेंट का सही वक्त क्या है जानें।
कुछ लोग प्री वर्कआउट के तौर पर भी प्रोटीन सप्लीमेंट लेते है और इसकी सलाह देते है। उनका मकसद होता है कि वर्कआउट के दौरान मसल्स में मौजूद एनर्जी का काम से काम इस्तेमाल हो। आपको प्री वर्कआउट में प्रोटीन सप्लीमेंट लेना है या नहीं तो यह आपकी बॉडी की शेप और आपके मकसद पर डिपेंड करता है। हम आपको वो नियम बता रहे है। जो आमतौर पर लागु होते है और लोगों के आजमाए
कसरत करने के दौरान आप के मसल्स में मौजूद कई न्यूट्रिएंट्स खाप जाते है अगर आप से वर्कआउट से पहले ढेर सारे कार्बोहाइडेट और थोड़ा प्रोटीन की खुराक नहीं ली हैं कसरत के बाद आप के मसल्स छटपटाने लगते हैं क्योकि उनमें मौजूद एनर्जी एक्सरसाइज करने में जल जाती है। इसके अलावा एक्सरसाइज के दौरान हमारी बॉडी ग्रोथ हॉर्मोन रिलीज करती है।
मगर उनका फायदा मसल्स बिल्डिंग में तभी होगा जब आपकी बॉडी में प्रोटीन होगा। इसलिए आमतौर पर कहा जाता है कि कसरत के बीस से तीस मिनट के भीतर प्रोटीन की उम्दा खुराक लेनी चाहिए। वैसे ऐसा नहीं है की इस नियम को करने वालो की बॉडी नहीं बनती मगर उनकी रणनीति अलग होती है। आपके पास बहुत जानकारी नहीं है तो इसी नियम को याद रखे की एक्सरसाइज के बाद सांस उतरने का इंतजार करें और प्रोटीन सप्लीमेंट पी ले।
बॉडी रात को मांगती है खुराक
हमारे मसल्स तब नही बनते जब हम कसरत कर रहे होते है। या जब हम शीशे के सामने खडे होकर अपने मसल्स तान रहे होते है। मसल्स बनते हैं उस वक्त जब हम सो रहे होते हैं। सोने के बाद ही बॉडी में मरम्मत का काम शरू होता है। मरम्मत के लिए बॉडी को प्रोटीन की जरुरत होती है।
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